पूरी रात ….

night rain hindi poetry

पूरी रात ही बरसी बारिश,
पूरी रात बूंदों का शोर था !

पूरी रात जो ख़ामोश रहा,
पूरी रात वो कोई और था !

पूरी रात रहा कोरा ही कागज़,
पूरी रात नज्म पर बूंदों का जोर था !

पूरी रात खिड़की के काँच पर फिसली बूंदे,
पूरी रात उसका चेहरा हर ओर था !

पूरी रात ही भींगी खाली सड़के,
पूरी रात सूना सूना हर मोड़ था !

पूरी रात ही बरसी बारिश …

#SK

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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3 Comments on “पूरी रात ….”

  1. hello sir इतना बढिया poem देने के लिए thanks.मैनें एक blog http://www.studytrac.blogspot.com बनाया है,इसपर पढाई,सफलता और नौकरी से जुडी जानकारियाँ दिया गया।आप से एक request है मै bloggingके बारे ज्यादा नही जानता हूँ please एक बार मेरे blog पर आइए और किसी भी प्रकार की कमी होने पर comment के माध्यम से मुझे बताएँ। thanks.I will wait for you.

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