मेरे नन्हें फ़रिश्ते …

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कुछ नन्हीं हाथों के बीच,
मैंने अपने उँगलियों को महसूस किया,
कौतुहल में तुमने कस रखे थे अपने हाथ,
यूँ पहली बार छुआ था मैंने तुमको !

बहुत मासूम सा था तेरा चेहरा,
जैसे सुबह की ओस ..
पहली बारिश मिट्टी पर..
या कोई फूल जैसे किसी छोटे गमले में पहली बार निकला हो !

छोटी छोटी आँखे,
बार बार झपकती,
इधर उधर देखती,
ये पहली कोशिश थी तुम्हारी कुछ समझने की !

कोमल कंठों से कुछ स्वर तुम्हारे रोने की,
लपक कर देखता,
थोरा बहलाता,
फिर चुप हो तुम हँसते !

ए मेरे नन्हें फ़रिश्ते,
तुझे कुछ नाम देता हूँ !

Some Blessed words.. Welcome New baby in Our Family … !!  #Sujit

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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