प्यार के पौधे … Love Tree ~ Valentine Words

love-treeमैं अब नहीं देख पाता तेरी चहलकदमी,
क्योँ नहीं चहचाहट भी सुनाई परती,
आँगन मैं अब भी होती होगी आहटे तेरी !

सुबह पंछी आते होंगे तेरे खिड़कियों पर,
वो जानते है तेरा प्यार और तेरी सादगी,
जानते हो ये सारे पौधे गमलों में पड़े,
जिन्हें तुम सींचते ये पाते है जिंदगी तुमसे,
ये बस कुछ पत्ते नहीं है या बस कुछ फूल है,
ये जिंदगी में खुशियों के प्रतीक है,
ये बताते है किस तरह तेरा साथ इन्हें,
हर सुबह खिलखिलाना सिखाती,
अनेकों मौसमों में ना छोरा तुमने इन्हें,
बेजार हवाओं में इन्हें तुमने बढ़ना सिखाया,
ये सारे गमलों में पड़े पौधे पाते है जिंदगी तुमसे !

मैं कहता ना हरदम सींचना इन प्यार के पौधों को,
जब अकेले हो जाओ आना तुम इन पौधों के पास,
देखना ये कैसे तुम्हें जीना सिखाते.. हँसना सिखाते !

ये प्यार के पौधे …

#SK

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

View all posts by Sujit Kumar Lucky →

2 Comments on “प्यार के पौधे … Love Tree ~ Valentine Words”

Comments are closed.