Love in Inbox – #इनबॉक्स_लव

mobile-love_360#इनबॉक्स_लव
उस पुरे कतार में एक पुराना संवाद तुम्हारा अभी तक बचा हुआ है;
सब मिटा देता हूँ किस्तों और बजारों के खबर;
नहीं मिटा पाता वो आखिरी संवाद;
शायद तेरा किस्सा नजाने फिर कब आये ।।

#इनबॉक्स_लव
दिन प्रतिदिन घटता गया स्माइली के बदले स्माइली में उत्तर ।
अब 4-5 के हँसते गुच्छे के नीचे कभी कभार एक छोटा मुँह बिदकाए सपाट स्माइली;
बड़ा मायूसी सा वो अकेला स्माइली ठीक मेरे जैसे ।

#इनबॉक्स_लव
बार बार उसी दो शब्दों को कई बार सोने से पहले..
और हर सुबह जैसे वो नया संदेश हो कोई..
अब तक है इनबॉक्स में वैसे ही !

#इनबॉक्स_लव
कुछ संवादों को ड्राफ्ट कर दिया है,
अब तक वो भेजे नहीं गये;
शायद अब वहीँ पड़े रहेंगे हमेशा के लिये !

#इनबॉक्स_लव
कोई कविता नहीं लिखा आज;
तुम्हारे नाम के ऊपर नीचे;
कुछ सितारों और बिंदुओं से सजाया;
रोज नयी कलाकृति नामों के इर्दगिर्द !

#इनबॉक्स_लव
एक आध अक्षरों में जवाब;
शायद ये नाराजगी बयाँ करता था !

#इनबॉक्स_लव
बीच रातों में कभी नींद खुलने पर,
फिर इनबॉक्स टटोलना …
कुछ बातें शायद फिर आयी हो !

#इनबॉक्स_लव
हमेशा की आदत एक लंबा इंतेजार,
आयेगा कुछ खबर जरुर,
घंटो टकटकी .. नाउम्मीदी से नजरे फेरना !

इनबॉक्स_लव By #SK
(स्मार्टफोन और मैसेजों के दुनिया के बीच की कुछ भावपूर्ण बातें शायद आपसे और मुझसे जुड़ीं; कुछ परिकल्पना कुछ अनुभव)

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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