जीवन संघर्ष से कैसा डर …

Life Obstacles Poem

Life Obstacles Poemनियति पर नियंत्रण नहीं,
परिस्थितियों का मौन आवरण,
क्यों मन तू होता आकुल ?
व्यर्थ के चिंता से व्याकुल !

तू पार्थ सा संग्राम में,
नियति को दे आमंत्रण,
चुनौती को दे निमंत्रण,
विपरीत समय पर प्रतीक्षा कर,
मिथक तोड़ तू आगे बढ़,
मनुज तो ऐसा चिंतन कर,
आशंका से अब तू निकल,
जीवन संघर्ष से कैसा डर !

#SK ~ #LifePoet

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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