बहुत बड़ा रंगमंच है ये जिंदगी !!

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क्या खुद के विश्वास पर भी ..
अविश्वास किया जा सकता !
उहापोह है इस प्रश्न पर ..
अंतर्द्वंद भी बोझ भी !

बहुत बड़ा रंगमंच है;
इस ओर से उस ओर,
कुछ महसूस नहीं होता,
ना जान परता किरदारों
से किरदारों का कोई रिश्ता !

डूब जाता हूँ मुखौटे से लगे चेहरे में,
भूल जाता उसके पीछे के किसी इन्सान को,
नई कहानियों में चला जाता कहीं दूर,
सहसा बदल जाता सब कुछ,
मिलता एक नया मुखौटा ;
कथानक का नया धरातल,
उसमे फिर डूबने को दुबारा,
कोई नहीं जान पाता उस पीछे छुपे चेहरे को,
अपारदर्शी निरंतर बदलते रहते मुखौटे के पीछे,
विवश से चेहरे असंतुष्ट से,
निभाये जा रहे हर किरदार !

शिकायत है उसे कथाकार से,
नहीं बदल सकता इतना चेहरा,
कुछ बनावटी किरदारों से उसे प्यार है,
ख़ुशी मिलती उसे वैसा जी के !

कब पटाक्षेप कभी करतल..
बहुत बड़ा रंगमंच है ये जिंदगी !!

#SK in Night & Pen ………

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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3 Comments on “बहुत बड़ा रंगमंच है ये जिंदगी !!”

  1. well said, nice lines..ख़ुशी मिलती है हमें वैसा जी के…..!

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