इस शहर .. उस शहर !!

इस शहर . . उस शहर,
जिन्दगी होती बसर,
रेत मिट्टी धूलों का रस्ता,
सबकी मुझको है खबर ।

एक मुट्ठी आसमां,
आँखें करती सब बयाँ,
नींद ख्वाब मन को डंसता,
होती मुझको सब फिकर ।

चेहरा चेहरा फिर से ठहरा,
बात बोली नयी नवेली,
लौटी बातें लम्बी रातें,
आँगन में सब बैठा हँसता ,
सबकी मुझको करनी जिकर ।

फिर कुछ कदम कुछ लेके दम,
थोड़ा नम कुछ कम होता गम,
कटता रहता तेज वक़्त बहता,
कौन मेरा अब रह गया रह्गुजर ।

जिंदगी अब रह गयी इस शहर .. उस शहर ।

#SK

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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One Comment on “इस शहर .. उस शहर !!”

  1. फिर कुछ कदम कुछ लेके दम,
    थोड़ा नम कुछ कम होता गम,
    कटता रहता तेज वक़्त बहता,
    कौन मेरा अब रह गया रह्गुजर ।
    ​बिलकुल ! ​एकदम सटीक और यथार्थ शब्द

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