अंतिम परिभाषा ….

road-life

इस अनंत सफ़र की अंतिम परिभाषा
क्या है ?

सोच रखा है ..

अपनी बात मनवाने की जिद कर,
कुछ क्यों नही लगा ऐसा कभी ?
स्वार्थ भर आया है अब मेरे इस सफ़र में,

बिना जाने गढ लेता एक सूरत,
बनाना एक तस्वीर की वैसा ही है वहाँ ..
शायद जब हो कोई आम सी ..
बना देता शब्दों से नायाब मैं !

विस्मृत या स्मृति मात्र में रहेगा
ये सफर ?

क्या कोई है अंतिम परिभाषा इस स्वार्थ की ..

शायद बस मौन ।
अंतिम रिहाई .. और परिभाषा भी
इस अनवरत सफ़र को एक विराम ।

मन से विरुद्ध जाकर ही,
पथिक थक भी गया है ..
अब एक मौन विश्राम ।।

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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