इश्क़ – 1

Love Two Liners Poetry By Sujit

इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी ..

Love Two Liners Poetry By Sujit

वो सुई धागों में उलझी उलझी कहीं,
कुछ नए रिश्तों में टाँके लगा रही थी !! #इश्क़


पायलों को नहीं है तहजीब का असर,
तुम पांवों को कहो आहिस्ता से चले । #इश्क़


बहुत ही कर ली हमसे शिकायतें तुमने,
थोड़ा इस वक़्त को भी दोष दो दूरियों का ।
#इश्क़

गुमशुदा हो तुम कहीं, वक्त के पहलुओं में,
मैं तुमसे पूछता हूँ तेरी तलाश कैसे करूं ? #इश्क़

ये रात .. ये याद .. कुछ तुम .. कुछ हम ..
जाने दो आज नज्म ना बनेगें; तेरी खामोशी में सब धुल सा जाता है जहन से !! #इश्क़

यूँ जो तुम गले लगते,
पता नहीं इसे तुम क्या कहते,
मैं तो इसे जिंदगी कहता हूं ।

#इश्क़

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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