गंतव्यविहीन … In Night & Pen
लंबी समांतर रेखा खींचता हुआ ये काफिला जिंदगी का बहुत दूर हो आया था; ऐसे कितने दफा कोशिश की, साथ साथ चलती ये रेखाएँ काट के निकल जाये, अपने गंतव्य …
गंतव्यविहीन … In Night & Pen Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
लंबी समांतर रेखा खींचता हुआ ये काफिला जिंदगी का बहुत दूर हो आया था; ऐसे कितने दफा कोशिश की, साथ साथ चलती ये रेखाएँ काट के निकल जाये, अपने गंतव्य …
गंतव्यविहीन … In Night & Pen Read Moreबहुत द्वंद और एक बोझ जैसे पर्वतों की श्रृंखला, और रेगिस्तान सी राह में दूर जाता एक राही; विस्तृत अथाह सी राह में कभी इतना पीछे रह जाता; की चलना …
Reprise Something – Night & Pen Read Moreकल की दबी बिसरी झुंझलाहट; सुबह भी जारी थी सीढ़ियों से उतरते, घुमावदार बोझ सी लगती, ये चडाव और उतार सीढ़ियों की !झुंझलाहट उतार भी दे किसपर; उसपर जो अनसुना …
An Autumn Dreams – In Night & Pen With #SK Read MoreThe Age of Orthodox thinking…But where we stand; Our Country lost the credentials of New Facet of Innovation. Are we facing the Mind Drain or Influenced with Amplification of Physical …
4th Floor Thoughts ! Read MoreSujit Random Thoughts Sujit :23-Dec-09 “शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा !” Sujit :1-jan-10 “सफ़र शुरू है , मायूसी अब तेरा काम नहीं, हम तो चलेगे ही …
Sujit Random Thoughts Read More