बोझिल शाम से सुकूने रात – पुरानी जीन्स के संग !!
बोझिल शाम से सुकूने रात और पुरानी जीन्स का सफ़र कुछ इस तरह है की … रोज ही ये सफ़र शुरू होता और रोज ही हमें चलते इस तरह जब …
बोझिल शाम से सुकूने रात – पुरानी जीन्स के संग !! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बोझिल शाम से सुकूने रात और पुरानी जीन्स का सफ़र कुछ इस तरह है की … रोज ही ये सफ़र शुरू होता और रोज ही हमें चलते इस तरह जब …
बोझिल शाम से सुकूने रात – पुरानी जीन्स के संग !! Read Moreरात की बारिश ..कितनी रफ्तार में .. लेम्प पोस्ट की उजली पीली रोशनी में जब टकराकर, उसकी फुहारों जैसी बिखरी बिखरी बुँदे अलग होती हुई छोड़ती हुई साथ अपना ! कैसी …
रात की बारिश – Rainy Night & Pen Read Moreइच्छाशक्ति से ऊपर अब कोई क्या प्रयास किया जा सकता था; बार बार रेतों को ले जातें ज्वार भाटें, सागर के तटों को कभी मिटा पाए क्या ? फिर अगली लहरों …
Seashore – Night & Pen Read Moreकितना एकाकी है इस भागदौर में इंसान ; अनमने ढंग से सुबह में अपने आपको इस भीर के लिये तैयार करता हुआ ! महानगर की जिंदगी .. वक्त की कमी …
कितना एकाकी है इस भागदौर में इंसान ?? – Thought with Night & Pen Read Moreमैं किसी पंक्ति में खरा कुछ वार्तालाप सुनता जा रहा था; रोज में सुबह जा भीड़ में खो जाता, पढ़ने की कोशिश करता कुछ देर के वक्त में अनेकों अजनबी …
रोजमर्रा – In Night & Pen With #SK Read Moreलंबी समांतर रेखा खींचता हुआ ये काफिला जिंदगी का बहुत दूर हो आया था; ऐसे कितने दफा कोशिश की, साथ साथ चलती ये रेखाएँ काट के निकल जाये, अपने गंतव्य …
गंतव्यविहीन … In Night & Pen Read More