रावण जो तेरे अंदर बैठा है …

ravan dahan - vijyadashmi

ravan dahan - vijyadashmi कागज़ों के रावण ही जलेंगे अब,
एक रावण मन में भी तो बैठा है !

द्वेष नफरत खिली चेहरे पर,
त्योहारों पर पहरा बैठा है !

सीख भजन की दब गयी कहीं,
यहाँ गला फाड़ सब बैठा है !

एक राम विजय का पर्व मनाते;
अब कई राम पराजित बैठा है !

मानवता को तू भूल रहा ;
ये कैसा हठ तू ले बैठा है !

जला सको तो जला लो तुम भी,
रावण जो तेरे अंदर बैठा है !

#Sujit …

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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One Comment on “रावण जो तेरे अंदर बैठा है …”

  1. सच कहा आपने कागज के रावन को जलाने से बुराईया नहीं मिटेंगी उसके लिए हमें अपने अन्दर के रावन को मिटाना पड़ेंगा, धन्यवाद्

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