जब कभी दीवाली आती थी
तन कलरव मन हर्षित होता था , जब कभी दीवाली आती थी . दौर दौर के छत के मुंडेरों पर, दीप जलाना फूल सजाना हमे तो , बहुत ये भाती …
जब कभी दीवाली आती थी Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
तन कलरव मन हर्षित होता था , जब कभी दीवाली आती थी . दौर दौर के छत के मुंडेरों पर, दीप जलाना फूल सजाना हमे तो , बहुत ये भाती …
जब कभी दीवाली आती थी Read Moreरात का सन्नाटा ऊँची अट्टालिका को चीर रहा था, विचलित मन रात को निहार रहा था की तभी, सोशल मीडिया के शोर ने खीचा लाया मुझे , कैसी ये छद्म …
सोशल मीडिया का शोर और में Read Moreरास्ते भले ही बदले हमने पर हम भी किसी मंजिल के राही है , उबर खाबर पगडंडियो पर जरुर फिसले हमारे पावं पर चलने की ललक आज भी बाकी है …
अभी कुछ बाकी है Read Moreभागती ऊहापोह जिन्दगी में क्या खोने पाने की चाहत है, बस उबते थकते मन को बहलाते चले जा रहे एक अनजान सफ़र पर ! क्या पाउगा या क्या खो दूगा, …
एक अनजान सफ़र Read Moreशहीदो की मजारो पर लगेगे हर वर्ष ये मेले वतन पर मरने वाले का आखिर यही निशा होगा! मुझे तोर लेना वनमाली उस पथ पर तुम देना फेक मातृभूमि पर …
Indian Independence Day Quotes: Spirit of 15th August Read Moreआज जिन्दगी की कसमकश में हमने अपनी उन अपनी पुरानी यादों को पीछे छोड़ डाला जहाँ हमारे मन का कोई कोना आज भी वही बसता है , माँ के हाथों …
बीत गए वो दिन Read More