और तभी सुनामी आती है !
है दंभ अब किन बातों का ! आंखे फाड़े काली रातों का ! विकट जो चुप्पी छाती है, और तभी सुनामी आती है ! बौने से जो अब पेड़ खड़े, …
और तभी सुनामी आती है ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
है दंभ अब किन बातों का ! आंखे फाड़े काली रातों का ! विकट जो चुप्पी छाती है, और तभी सुनामी आती है ! बौने से जो अब पेड़ खड़े, …
और तभी सुनामी आती है ! Read Moreपरतों में रखा था छुपा के हमने खमोशी !खोल दी जो थोरी सी हवा उठी किसी ओर से ! थोरी दूर जा के अहसास सा होने लगा !अब कोई लौटने …
उलझा दिया आज फिर सवालों ने ! Read Moreअब कौन डगर मुझे चैन मिले ! किस पथ जाऊ बस रैन मिले ! सूखे रूखे पतझर से, झुकते थकते डाली पर , अब खुशियों की कोई कुसुम खिले ! …
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! Read Moreथोड़ी फुरसत दे ए जिंदगी .. कहीं तो जाके ढूंड लाऊ खुद को, खुद अपने से सिसकता वक्त की टिक टिक सोने नही देती, ये मुखोटे लगाये इंसानों के शोर …
थोड़ी फुरसत दे ए जिंदगी ..City Life Read Moreदेखा हर नब्ज जिंदगी का .. पूछ बैठा इरादा क्या है ! जब समझ बैठा कोई परछाई .. तब देखा मेरा साया क्या है ! रह रह झलक जाता जब …
क्या है ! Read MoreSujit Random Thoughts Sujit :23-Dec-09 “शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा !” Sujit :1-jan-10 “सफ़र शुरू है , मायूसी अब तेरा काम नहीं, हम तो चलेगे ही …
Sujit Random Thoughts Read More