शोर ….
(वर्तमान परिदृश्य पर कुछ पंक्तियाँ …… ) कानों पर हाथ रख लेने से शोर खत्म नहीं होता, बस कुछ देर तक ही रोक पाते है, अपने आस पास के कोलाहल …
शोर …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
(वर्तमान परिदृश्य पर कुछ पंक्तियाँ …… ) कानों पर हाथ रख लेने से शोर खत्म नहीं होता, बस कुछ देर तक ही रोक पाते है, अपने आस पास के कोलाहल …
शोर …. Read MoreFollow SOP … Ensure Preventative Measure in COVID-19 !! क्या इतने शब्दों को लिख देना ही पर्याप्त हो सकता महामारी से लड़ने के लिए ; आज जहाँ परीक्षाओं पर पक्ष …
महामारी में मानवीय संवेदनाओं की आवश्यकता … Read Moreपूरा चाँद फलक पर है बीते सावन को अब अलविदा कहना है । आज पूरा चाँद जैसे अलविदा कह रहा हो किसी को, भींगे मन में… जैसे कुछ बिछड़ रहा …
अलविदा सावन – Night&Pen Read Moreगली में आवाजें लगाता वो, माथे पर बड़ी सी टोकड़ी जैसे, सामानों का जखीरा उठा रखा हो । उसकी आवाज़ें कौतूहल से भरी, विवश करती खिड़की से झाँकने को, बच्चे …
फेरीवाले की आवाज .. लॉक – अनलॉक जिंदगी ! Read Moreइंसान जड़त्व को स्वीकार नहीं कर सकता । इस वैश्विक महामारी ने हमारे अंदर जड़त्व को ला दिया है । खिलाड़ी खेले नहीं, एक्टर अभिनय नहीं करें, छात्र पढ़े नहीं, कर्मी …
घुटन .. लॉक – अनलॉक के बीच ! Read Moreलॉकडाउन जैसे सब कुछ थम सा गया एकदिन ; वक़्त जैसे पसरा हो और समेटने को खाली खाली पूरा दिन हो ! लम्बी रातें जैसे लौट आया हो कोई बीता …
लॉकडाउन – Inbox Love ~ 12 Read More