जीवन संघर्ष से कैसा डर …
नियति पर नियंत्रण नहीं, परिस्थितियों का मौन आवरण, क्यों मन तू होता आकुल ? व्यर्थ के चिंता से व्याकुल ! तू पार्थ सा संग्राम में, नियति को दे आमंत्रण, चुनौती …
जीवन संघर्ष से कैसा डर … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
नियति पर नियंत्रण नहीं, परिस्थितियों का मौन आवरण, क्यों मन तू होता आकुल ? व्यर्थ के चिंता से व्याकुल ! तू पार्थ सा संग्राम में, नियति को दे आमंत्रण, चुनौती …
जीवन संघर्ष से कैसा डर … Read Moreतुम आओ लौट के, देखो सिलवटें बिछावन की, वैसी ही है अब भी । बिखरे बिखरे से पड़े है, सारे सामान मेरे तुम्हारे । देखो हरतरफ हरजगह की, सब चीजेँ …
तुम आओ लौट के … Read Moreजब हम बात करते की हिंदी सिनेमा में कुछ अच्छा नहीं है देखने को, तब ऐसे में न्यूटन जैसी चलचित्र आती और लम्बे समय तक आपके दिलो दिमाग पर छाप …
सब न्यूटन है यहाँ ; नहीं है तो बनिए न्यूटन ( Newton Movie Review ) Read Moreरात अकेली है रो लो, गिरा लो आँसू कोरो से, बस सुबह जब निकलों, इस तरह की बनावट ले निकलना, चेहरों पर ; न शिकन ही रहे कोई न बचे …
रात और सुबह Read Moreअजब कशमकश में घेर लेती ये जिक्र तेरी, हर कोशिश मेरी दूर जाने की कुछ काम ना आती ! #इश्क़ अलविदा से किसी और जहाँ में रह, मैं फिर भी …
इश्क़ – 5 Read Moreवो रिश्ते जो अबूझ थे अच्छे थे, ठूठ पेड़ की तरह, न कोई हलचल थी, न कोई हवाएँ और न ही बढ़ते वो किसी की तरफ, बिना पहचान के खड़े …
बेअदब अदब रिश्ते … Read More