Birds - Ignorance emotional poem

उपेक्षा ….

स्नेह, उपेक्षा, मायूसी, विक्षोभ के इर्द-गिर्द घुमती एक कविता !!! उपेक्षा कल्पित चित्र था सुबह का , दो पंछी रोज आते थे , बरामदे पर आके चहलकदमी करते, तेरी आवाज …

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away goodbye inbox love

बहुत दूर चला …. इनबॉक्स लव -12

अब बहुत ही दूर चला गया । हाँ इस इंटरनेट के अनंत संसार से परे ; पता नहीं कितनी दूर हाँ जहाँ से कोई संवाद नहीं होगा , कोई खबर …

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Festival Season Poem

लौट आये त्यौहार वाले ..

त्यौहार में अपनों का आना, फिर उनका वापस लौट जाना ; अधिकांश राज्यों के लोग महानगरों में कार्यरत है, कुछ शब्द जो इस त्यौहार में उनके आने और वापस जाने …

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migratory birds poem

प्रवास के परिंदें ..

कई मौसम इक इक करके बीते ; प्रवास के परिंदें इस बार नहीं लौटे ! सावन बीता शीत की रातें भी लौटी, लौटी बातें और सारी यादें भी लौटी, प्रवास …

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