शहर शहर का दोपहर …
शहर शहर का दोपहर भी अलग ही होता, अपने शहर में रोज दोपहर होता था, रोज शाम और रोज सुबह ! महानगर की घड़ी में जरुर कुछ समस्या सी लगती …
शहर शहर का दोपहर … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
शहर शहर का दोपहर भी अलग ही होता, अपने शहर में रोज दोपहर होता था, रोज शाम और रोज सुबह ! महानगर की घड़ी में जरुर कुछ समस्या सी लगती …
शहर शहर का दोपहर … Read Moreवंडरलैंड ये अंग्रेजी शब्द जो मुझे इस शहर में चलायमान रखता; अध्भुत है चकाचौंध इस शहर की, गाँव के सपने लेके यहाँ प्रवेश कठिन था .. सपने देखने से ज्यादा, …
वंडरलैंड से – Every Morning Wake-up For Your Work Not Just For ur Job ! Read Moreकुछ नन्हीं हाथों के बीच, मैंने अपने उँगलियों को महसूस किया, कौतुहल में तुमने कस रखे थे अपने हाथ, यूँ पहली बार छुआ था मैंने तुमको ! बहुत मासूम सा …
मेरे नन्हें फ़रिश्ते … Read Moreअब सुबह की दो बातें, और रातों में उलझनों का बयाँ, क्या शायद तकलीफ दे रही थी ! कुछ दिन पहले ही तो खामोशी के, कई परतों को खोला था …
अधूरा अक्स .. Read More