कब तक यूँ रहता यहाँ ऐसा ही !!
बिखरा बिखरा सा कुछ दिनों से, बड़ी मुश्किलों से मिलता था .. यादों का कुछ टुकड़ा ! कागजों पर लिखी कई नज्में, बिखरे दरख्तों पर दब सी गयी, पुराने पत्तों …
कब तक यूँ रहता यहाँ ऐसा ही !! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बिखरा बिखरा सा कुछ दिनों से, बड़ी मुश्किलों से मिलता था .. यादों का कुछ टुकड़ा ! कागजों पर लिखी कई नज्में, बिखरे दरख्तों पर दब सी गयी, पुराने पत्तों …
कब तक यूँ रहता यहाँ ऐसा ही !! Read MoreHer Words Like Unforgettable Subtle memories, keeps me running like a nowhere to be found ! Unmet Soul Incomplete Mind Under Compulsion of Desires, Don’t Get anything Like Rising tiding …
Subtle Stubborn Desires – Micro Poetry Read Moreआहटों पर ऐतबार नहीं हमें, ये शहर इस कदर वक़्त का मारा है, मुलाकात की बस आरजू दिल में रह जाती है, ये मुकम्मल ना होती कभी ! कोशिश की …
आहटों पर ऐतबार नहीं हमें … Read MoreFrom Few Days On Iraq Issues, I went through several news & video clips, really very disgraceful for human beings, how can they surpass the human feelings on name of …
ओ कातिल हँसी के – Enemies of Humanity (Terror in Iraq) Read Moreशब्दों का तूफान थमता नहीं .. रुकता नहीं लौटता है .. जैसे पंछी लौट आते है प्रवास से, जरुर .. कुछ देर सिमट सा जाता .. मौन होता .. चुप …
शब्द लौटेंगे … Read Moreसतत प्रयत्न बेमानी सा है आज, अर्थहीन सफलता का बोझ कैसा, मेरा मकाँ पर अब जंजीरें और ताले है ! ईटों गारों से भी आगे कुछ लगा था, आपके सपनों …
तलाशता हूँ वो कमी – Some Memoirs On Father’s Day !! Read More