कई अधूरी कवितायेँ है ….
कई अधूरी कवितायेँ है पड़ी, कुछ की लिखावटें धुल गयी, कुछ की स्याही फीकी हो गयी ! कुछ शब्दें थी जो हर सुबह आस पास लिपट जाती थी जैसे वो …
कई अधूरी कवितायेँ है …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कई अधूरी कवितायेँ है पड़ी, कुछ की लिखावटें धुल गयी, कुछ की स्याही फीकी हो गयी ! कुछ शब्दें थी जो हर सुबह आस पास लिपट जाती थी जैसे वो …
कई अधूरी कवितायेँ है …. Read Moreदिन बोझिल हो बेजार जब, तन कुछ भी ना कहता, कुछ ख्वाबों को इस रात का, जब इक पनाह है मिलता ! सुबह फिर वही वैसी ही होगी, तब ही …
जीवन ऐसे ही बढ़ता !! Read Moreबचपन की निश्छल अल्हरता को, को कभी झुँझलाहट बनते देखा ! जो खुल के भी कभी रोते थे, उसे चुप हो के सिसकते देखा ! किसी आँगन में जो खेला …
एक गुड़िया परायी -२ Read MoreIt’s Now Insanity.. No Backdrop of infancy! Lost the summer break; No fairy tale & cartoons; No Trip To New sites.. Now No Mid Day Humor; All went to memoirs …
It’s Now Insanity.. Poetry of Summer memoirs !! Read MoreRandom seldom silence from Night, Trapped between Go or Stay… Conceal it by makeup and mask! Never Hate or Hurt, No way back, Now a bye ! In Night or …
Quiet Once – #Micro Poetry Read Moreइस अनंत सफ़र की अंतिम परिभाषा क्या है ? सोच रखा है .. अपनी बात मनवाने की जिद कर, कुछ क्यों नही लगा ऐसा कभी ? स्वार्थ भर आया है …
अंतिम परिभाषा …. Read More