कई महीनों बंद रहता वो मकां

कई महीनों बंद रहता वो मकां, मेहमान नवाजी अब नहीं होती वहाँ ! रुक के आते जाते सब देखते थे, कोई खैर पूछता दिख जाता था, अब आते जाते लोग …

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SK Facebook Film – कुछ लम्हें

दुनिया की दुरी को तीन पग से भी बौना करता, ये सोशल नेटवर्किंग की दुनिया ! एक अलग देश जहाँ हर जाती, महाद्वीप, भाषा, रंग रूप के लोग जिंदगी के …

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रोजमर्रा – In Night & Pen With #SK

मैं किसी पंक्ति में खरा कुछ वार्तालाप सुनता जा रहा था; रोज में सुबह जा भीड़ में खो जाता, पढ़ने की कोशिश करता कुछ देर के वक्त में अनेकों अजनबी …

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ये भागती जिंदगी कहाँ ले जाती ?

फसल सी हिलती डुलती भीड़, सड़कों पर हो आती .. ये पुरानी खेतें .. एक जिंदा शहर बन जाती ! कितनी तंग गलियों से गुजरते गुजरते, दूर जा के ये …

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