Reprise Something – Night & Pen

बहुत द्वंद और एक बोझ जैसे पर्वतों की श्रृंखला, और रेगिस्तान सी राह में दूर जाता एक राही; विस्तृत अथाह सी राह में कभी इतना पीछे रह जाता; की चलना …

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जिंदगी तु है .. जिंदगी ये है – Life ?

जितना तुझे समझता, उतना तू उलझ जाता ! हर कदम रुक तुझे मुड़ के देखता, तू उतना दूर चला जाता ! जितना मैं तुझे खुदा कहता, तू उतना ही रूठ …

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कुछ पूछा होता – Sometimes I feel ?

सहूलियत से हर दफा किस्सा छेरते, कभी कशमकश में हाल पूछा होता !किस कदर अब ना कोई हँसता है, बस सवाल की गहराहियों में दफ्न हो, क्या कुछ सोचता है …

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An Autumn Dreams – In Night & Pen With #SK

कल की दबी बिसरी झुंझलाहट; सुबह भी जारी थी सीढ़ियों से उतरते, घुमावदार बोझ सी लगती, ये चडाव और उतार सीढ़ियों की !झुंझलाहट उतार भी दे किसपर; उसपर जो अनसुना …

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ठहर जाने का सबब !

कहते कहते ठहर जाने का सबब,फिर वही बातें, वही रातें ! चाँद सी सादगी दिखती ऐसी,फिर वही अजनबीपन छाया ..शब्द घुटते रहे, करते रहे अदब ! थे बेबाक अनेकों वहाँ …

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