Reprise Something – Night & Pen
बहुत द्वंद और एक बोझ जैसे पर्वतों की श्रृंखला, और रेगिस्तान सी राह में दूर जाता एक राही; विस्तृत अथाह सी राह में कभी इतना पीछे रह जाता; की चलना …
Reprise Something – Night & Pen Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बहुत द्वंद और एक बोझ जैसे पर्वतों की श्रृंखला, और रेगिस्तान सी राह में दूर जाता एक राही; विस्तृत अथाह सी राह में कभी इतना पीछे रह जाता; की चलना …
Reprise Something – Night & Pen Read Moreकुछ टूटे हुए काँच खिड़कियों के, जैसे सर्द हवाओं ने रुख देखा उसमें ! आधे ऊँघे परे पेड़ कुछ दुरी पर, और साथ उसके आसरे अंदर खोये हुए, लिपटी चुपचाप …
दूसरी नींद Read Moreजितना तुझे समझता, उतना तू उलझ जाता ! हर कदम रुक तुझे मुड़ के देखता, तू उतना दूर चला जाता ! जितना मैं तुझे खुदा कहता, तू उतना ही रूठ …
जिंदगी तु है .. जिंदगी ये है – Life ? Read Moreसहूलियत से हर दफा किस्सा छेरते, कभी कशमकश में हाल पूछा होता !किस कदर अब ना कोई हँसता है, बस सवाल की गहराहियों में दफ्न हो, क्या कुछ सोचता है …
कुछ पूछा होता – Sometimes I feel ? Read Moreकल की दबी बिसरी झुंझलाहट; सुबह भी जारी थी सीढ़ियों से उतरते, घुमावदार बोझ सी लगती, ये चडाव और उतार सीढ़ियों की !झुंझलाहट उतार भी दे किसपर; उसपर जो अनसुना …
An Autumn Dreams – In Night & Pen With #SK Read Moreकहते कहते ठहर जाने का सबब,फिर वही बातें, वही रातें ! चाँद सी सादगी दिखती ऐसी,फिर वही अजनबीपन छाया ..शब्द घुटते रहे, करते रहे अदब ! थे बेबाक अनेकों वहाँ …
ठहर जाने का सबब ! Read More