हाथ का धागा – Band of Memories
हाथ का धागा, लिपटा रहता जैसे एक निशानी हो किसी की ! कस गयी है इसकी बंधन,घुटन सी भी होती कभी, तोड़ देने की ! बेजार मन ही कह देता, …
हाथ का धागा – Band of Memories Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
हाथ का धागा, लिपटा रहता जैसे एक निशानी हो किसी की ! कस गयी है इसकी बंधन,घुटन सी भी होती कभी, तोड़ देने की ! बेजार मन ही कह देता, …
हाथ का धागा – Band of Memories Read Moreयाद है वो सन्नाटा दस सवा दस का,वो गाँव में जाते कभी छुट्टियों की रात,झींगुरों की झन्न सी अनवरत ध्वनि,आज भी कौतुहल सी करती मन में ! ये आवाज सन्नाटे …
झींगुर – Now Life on Urban Ladder Read Moreचाँद रात की आगोश में था छुपा छुपा,दिन हुए फिर ओझल हुआ जा रहा वही !ये कौन है जो इन से परे हक़ बता रहा कोई,वक़्त की सारी कोशिशे है …
एक कोई – Anonymous Thoughts of Morning Read Moreजिन पौधों को तुम सींचते,आज देखो खिल खिला बुला रहे तुम्हें ! आसमां से ओझल होते तारे सारे,कह रहे जाते देखो हो गयी तेरी सुबह ! कोई सोच रहा, आज …
तेरी सुबह – Your Morning Read Moreऐसे तो कुछ कहीं बातें थी उस दिन, जैसे अनमने ढंग से टालने की कोशिश और मन समझ लेता दूर उठते हर तरंगों को !उस दिन पूछ ही लिया, की …
Words of Night – In Night & Pen Read More