फीकी हँसी …. Little Laugh
मैं रात की बात लिये, शब्दों को पिरोने .. सहसा खामोशी में घिरा देखा खुद का चेहरा,मैंने देखा खुशियों पर मायूसी का लगता पहरा ! बात बदल कर मन को …
फीकी हँसी …. Little Laugh Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
मैं रात की बात लिये, शब्दों को पिरोने .. सहसा खामोशी में घिरा देखा खुद का चेहरा,मैंने देखा खुशियों पर मायूसी का लगता पहरा ! बात बदल कर मन को …
फीकी हँसी …. Little Laugh Read Moreजिंदगी ऐसी .. उम्रदराज हो रही लम्हों के मेहमां बनके,आरजू बिखरे लम्हों को कुछ पल फिर जी जाने की,कसक रुकसत कर उन लम्हों को कहीं छोड़ आने की ! फिर कभी …
□■ लम्हें ■□ Read Moreअम्बर की ये तीखी किरणे,धरा लगी ऊष्मा को सहने,नदियाँ लगी उथले हो बहने ! शुष्क जमीं सब सूखा झरना,लगा पतझर में पत्तों का गिरना ! सड़क सुनी, गलियाँ भी खाली,इतवारी …
A Sunday of Summer Read Moreखाई खोद रहा वो इंसान जो कुछ पाना चाहता !आत्मविश्वास जैसे पानी मिल ही जायेगा !लक्ष्य तो मिलेगा ही ! आते जाते लोग कह ही देते, खाई है खाई ..खोद रहे …
कुँआ ….! Read Moreख्वाब है ..जिसको सजाने की चाहत,या झुंझलाहट है इस तोड़ देने की ! चल ही दिया दो चार कदम तो क्या,बीता ही कुछ पल साथ तो क्या ! सब कहके …
बिखर सा क्यूँ गया ! Read More