सूरज ने दो जगह से उगना शुरु कर दिया …

थोरा ढला ढला,झुका झुका सुबह था आज का, सूरज भी था कहीं खोया था आज मेरी तरह, ठण्ड हवा की थोरी कंप कपी, छु रही थी जैसे ; माँ ने …

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इन्द्रधनुषी रंग जिंदगी के …My LifeStream -1

यूँ रफ़्तार बहुत ही तेज थी … टुकड़ो टुकड़ो को समेटा.. देखो बन रहा इन्द्रधनुष सा …कुछ रंग थे इस तरह … (चाँद ने क्या लिखा रात की हथेली पर …

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