एक गुड़िया परायी होती है
आज भी हमारे देश में लड़कियो की उपेछा की दृष्टि से देखा जाता है.. उनको पराया समझा जाता है , समाज आज भी अपने पुराने रीती रिवाजो में उलझा हुआ …
एक गुड़िया परायी होती है Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
आज भी हमारे देश में लड़कियो की उपेछा की दृष्टि से देखा जाता है.. उनको पराया समझा जाता है , समाज आज भी अपने पुराने रीती रिवाजो में उलझा हुआ …
एक गुड़िया परायी होती है Read Moreतन कलरव मन हर्षित होता था , जब कभी दीवाली आती थी . दौर दौर के छत के मुंडेरों पर, दीप जलाना फूल सजाना हमे तो , बहुत ये भाती …
जब कभी दीवाली आती थी Read More