कल रात की बारिश – A Rainy Night

A Rainy Night Poem by sujit

आज रात काली काली सी,
कुछ रंगीली सवाली सी,
अँधेरे में चुपके से बादल,
छा गए जैसे वो पागल !!
बुँदे दिखी बचपन की पहेली,
पैर पटक बच्चों सी खेली,
हाथ छुपाये, भीगे से आये,
भीगे बारिश नैन लड़ाये,
बूंदों का कुछ कल कल था,
बस यादों का एक हलचल था,
पुरबा बयार से अब कौन कहे,
अब बोलो क्यूँ तुम मौन धरे,
कुछ विकल अधजगी अधराती थी,
मन की लिप्सा पर मधु भारी थी,
क्रंदन वंदन की ये एक राती थी,
कल की बारिश यूँ प्यारी थी !!
(सुजीत भारद्वाज )

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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One Comment on “कल रात की बारिश – A Rainy Night”

  1. वाह वाह बहुत सुंदर अहसास बरसात के परिवेश में रचना समायी है , बधाई

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